जब-जब आए कोरोना के नए वेरिेएंट, तब-तब खतरा बढ़ता गया
Bharat Newsshala, 30 Nov, 2021
डेढ़
साल से ज्यादा का वक्त हो चला है, लेकिन कोरोना वायरस (Covid-19) से दुनिया अब
तक पूरी तरह उबर नहीं सकी है। इसके परिवार के नए सदस्य (Omicron)
ने
दुनिया को दोबारा परेशान करना शुरू कर दिया है। इससे भारत में कोरोना की तीसरी लहर
(Third wave) के आने का खतरा भी बढ़ गया है। आइये जानते हैं कितना बड़ा
है कोरोना का परिवार और इसके बदलते वैरियंट्स ने कब-कब और कितना कहर भारत समेत
दूसरे देशों पर बरपाया है।
दुनिया
के देश अभी डेल्टा वेरिएंट (Delta variant) के खतरे से उबर ही रहे थे कि एक
नए वैरियंट ओमीक्रॉन (Omicron) ने फिर से विश्व बिरादरी के माथे पर शिकन ला दी है।
माना जा रहा है कि जहां एक तरफ इस नए वैरियंट की वजह से दुनियाभर के शेयर बाजारों
(Share market) में गिरावट देखने को मिल रही है तो भारत समेत दुनिया के कई
देशों ने इसे लेकर मंथन शुरू कर दिया है। इसके तहत अंतरर्राष्ट्रीय उड़ानों (International
Flight) की
समीक्षा हो या इन पर प्रतिबंध, स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति समेत कई पहलुओं पर सरकारें
बैठकें कर रही है।
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अल्फा, बीटा, डेल्टा, गामा ये नाम
सिर्फ ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों के नहीं बल्कि कोरोना वायरस के नए-नए वेरिएंट्स को
भी इन्हीं नामों से नवाजा गया है। ...और अब ओमीक्रॉन भी इस लिस्ट में शामिल हो गया
है। वायरस में हुए म्टूटेशन (Mutation) की वजह से इसके अलग-अलग प्रकार सामने आए हैं।
अल्फा
वेरिएंट (Alfa variant) – 2020 के सितंबर में इस वेरिएंट की
वजह से रोजाना आने वालों कोरोना के पॉजिटिव मामलों (Positive
case) में
बेतहाशा बढ़ोतरी देखी गई थी। वैज्ञानिकों ने इसे B.1. 1. 7 नाम दिया था।
यह वेरिएंट सबसे पहले ब्रिटेन (Britain) में मिला था और यहीं से पूरी दुनिया में फैला था।
इसने अमेरिका में भी काफी लोगों की जान ली थी।
बीटा
वेरिएंट (Beta variant) – इसका वैज्ञानिक नाम B. 1. 351 है और यह 2020 में दक्षिण
अफ्रीका में मिला था। इसके दो म्यूटेशन (mutation) E484K और N501Y काफी खतरनाक
हैं। वैज्ञानिकों (Scientist) की मानें तो यह कोरोना से उबर चुके लोगों और टीका
लगवा चुके लोगों (Vaccinated People) को भी निशाना बनाता है।
गामा
वेरिएंट (Gamma variant) – इस वेरिएंट के दो म्यूटेशन E484K और N501Y को काफी खतरनाक माना गया है। यह वेरिएंट सबसे पहले ब्राजील (Brazil) में मिला था
और इसका वैज्ञानिक नाम P.1 है। वैज्ञानिकों की मानें तो यह वैरियंट वैक्सीनेटेड लोगों
पर मामूली असर कर सकता है।
डेल्टा वेरिएंट (Delta variant) – कोरोना वायरस का यह वेरिएंट भारत (India) में पाया गया। माना जा रहा है कि देश में कोरोना की
दूसरी लहर (Second wave) के लिए यही वेरिएंट जिम्मेदार है, जिसकी वजह से देश में लाखों लोगों की मौत हूई। यह पिछले साल 2020 के अक्टूबर में मिला था। इसे दुनियाभर में सबसे ज्यादा
संक्रामक वेरिएंट माना गया है। इसका वैज्ञानिक नाम B.1. 617.2 है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अमेरिका (America), ब्रिटेन (Britain), भारत (India) समेत 100 देशों में इस वेरिएंट का पता चला।
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ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron variant) – हाल के दिनों में सामने आए इस वेरिएंट ने डब्ल्यूएचओ (WHO) समेत दुनिया
को एक नए डर से रूबरू कराया है। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने चेतवनी दी है कि यह काफी तेज और बड़ी संख्या में म्यूटेट
होने वाला है। इसी वजह से पूरी दुनिया पर संक्रमण (Infection) का खतरा बढ़
गया है।
डब्ल्यूएचओ ने 26 नवंबर को इसे ओमीक्रॉन नाम दिया, जबकि इसका
वैज्ञानिक नाम B. 1. 1. 529 है। पहली बार इसकी पहचान दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में हुई। इसने पूरी तरह वैक्सीनेटेड लोगों को भी अपना शिकार
बनाया है। यह वेरिएंट आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) से लड़ने में
पहले से ज्यादा सक्षम है।
ओमीक्रॉन (Omicron) पर क्या है डब्ल्यूएचओ की राय
- पहले किसी भी
वेरिएंट से संक्रमित हो चुके लोगों पर भी बना रहेगा ओमीक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित
होने का खतरा।
- अभी तक यह साफ नहीं है कि यह वेरिएंट इससे पहले आए
वेरिएंट्स के ज्यादा खतरनाक है या नहीं फिर भी सतर्कती बरतनी होगी।
- राहत देने वाली बात यह है कि इस नए वेरिएंट ओमीक्रॉन का पता
आरटीपीसीआर (RTPCR) जांच से चल सकता है।
- डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, अभी यह भी साफ नहीं है कि कोरोना वायरस के दूसरे वेरिएंट्स के लक्षणों से इसके
लक्षण कितने अलग हैं।
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रखना होग अपना और अपनों का खयाल
लगातार
म्यूटेट हो रहे कोरोना वायरस और नए-नए वेरिएंट्स से अगर कोई हमें बचा सकता है तो
वह है हमारा इस वायरस से लड़ने के लिए तैयार किया गया व्यवहार। जी हां, हम बात कर रहे
हैं सोशल डिस्टेंसिंग की (Social Distancing), मास्क लगाने (wear
mask) की
और समय-समय पर हाथों को सैनिटाइज (sanitize your hand) करने की। इन
तीन चीजों का पालन करके ही हम अपना और अपनों का खयाल रख सकते हैं। अक्टूबर से शुरु
हुए त्योहारी सीजन में हममें से ज्यादातर ने इन नियमों को कई बार तोड़ा है। जरा
सोचिए, अगर अब भी हम नहीं चेते तो सरकार भी तीसरी लहर को आने से
नहीं रोक पाएगी। इसलिए जरूरत है हम सब नियमों का पालन करें, जिससे कोरोना
के इस संकट से बचा जा सके।
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