Panama Paper Leak: ईडी के दफ्तर में बीते Aishwarya Rai Bachchan के 5 घंटे

 

Panama Paper Leak: ईडी दफ्तर में बीते एश्वर्या राय बच्च्न के 5 घंटे, विदेश में धन जमा करने का है आरोप

पनामा पेपर्स लीक (Panama Paper Leak) मामला एक बार फिर उबाल मारने लगा है। इसमें बॉलिवुड स्टार्स समेत कई भारतीय हस्तियों के नाम शामिल हैं, जिन पर टैक्स के हेराफेरी के आरोप लगे हैं। इस मामले में अब एश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने सोमवार (20 दिसंबर) को तलब किया था।

विदेश में धन जमा करने का है आरोप

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन के तहत एश्वर्या राय बच्चन पर विदेशों में धन जमा करने का आरोप है। सोमवार को अधिकारियों ने करीब 5 घंटे ऐश्वर्या से कई सवाल पूछे। मीडिया में चल रहीं खबरों के मुताबिक, ईडी अधिकारियों ने ऐश्वर्या राय से एमिक पार्टनर्स की जानकारी लेने के कोशिश की। इतना ही नहीं पहले भी ऐश्वर्या राय बच्चन को समन जारी किया गया था। तब उन्होंने ईमेल के जरिए जवाब भेजा था। इससे जुड़े एक अन्य मामले में अभिषेक बच्चन से भी पहरे पूछताछ की जा चुकी है। बच्चन परिवार से जुड़े मामलों की जांच ईडी 2016 से कर रहा है।

क्या है पनामा पेपर्स लीक मामला

2015 में एक कंपनी मोस्सैक फोंसेका के 1.15 करोड़ से ज्यादा कानूनी दस्तावेज लीक हो गए थे। 3 अप्रैल, 2016 को इससे जुड़ी जानकारी को एक जर्मन अखबार Süddeutsche Zeitung (SZ) ने पनामा पेपर के नाम से दुनिया के सामने ला दिया। इमें भारत समेत कई देशों के करीब 500 से अधिक कई दिग्गज नेताओं के साथ मशहूर हस्तियों के नाम भी शामिल हैं। इन पर कथित तौर पर विदेशी कंपनियों में पैसा जमा करने का आरोप है। दस्तावेज में साल 1977 से लेकर 2015 के आखिर तक की जानकारी होने का दावा किया गया था। इनमें करीब 12 हजार दस्तावेज ऐसे हैं, जिनमें भारतियों के नाम शामिल हैं। इनमें अभिनेता अमिताभ बच्चन, एश्वर्या राय बच्च्न, डीएलएफ के प्रमुख केपी सिंह, उद्योग समीर गहलोत आदि प्रमुख हैं। वहीं पैंडोरा पेपर्स ने भी दुनिया भर में खलबली मचा रखी है।

कैसे बाहर आए थे ये गोपनीय दस्तावेज ?

ICIJ (The International Consortium of Investigative Journalists) के मुताबिक, पनामा पेपर्स ऐसे दस्‍तावेज हैं जिसमें टैक्‍स चोरी और काले धन को सफेद करने की पूरी जानकारी मौजूद है। 2013 में पनामा की एक कंपनी Mossack Fonseca के सर्वर को हैक करके यह दस्तावेज निकाले गए थे। दूसरी तरफ पैंडोरा पेपर्स मामले में ऐसी ही  14 कंपनियां शामिल हैं। पैंडोरा पेपर्स में उन 27 हजार कंपनियों की पड़ताल का डाटा  शामिल किया गया है, जिसमें 29 हजार लोगों का माल‍िकाना हक है। पैंडोरा पेपर्स की लिस्‍ट में 90 देशों के 330 नामचीन लोगों के नाम शामिल हैं। इसमें शामिल भारतीयों का नामों में सचिन तेंदुलकर, उनकी पत्नी अंजली, ससुर आनंद मेहता, बिजनेसमैन अनिल अंबानी के साथ कुछ नेताओं के नाम भी शामिल हैं। साथ ही नीरव मोदी, उनकी बहन, किरण मजूमदार शॉ, एक्टर जैकी श्रॉफ, गांधी परिवार से जुड़े सतीश शर्मा, नीरा राडिया का नाम भी इससे जुड़ा है। ऐसे में पनामा के मुकाबले पैंडोरा पेपर्स ज्‍यादा महत्वपूर्ण है। 

मल्टी एजेंसी ग्रुप (MAG) कर रहा इसकी जांच

यह मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सरकार ने पनामा पेपर्स और ऐसे ही कर चोरी के मामलों की जांच के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष के अधीन केंद्रीय जांच एजेंसियों का एक मल्टी एजेंसी ग्रुप (MAG) बनाया था,  जिसमें ईडी, भारतीय रिजर्व बैंक और वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) के अधिकारियों को शामिल किया गया। MAG ने हाल ही में कहा था कि एक अक्टूबर, 2021 तक पनामा और पैराडाइज पेपर लीक में मामले में भारत से जुड़ी 930 हस्तियों और संस्थाओं के संबंध में कुल 20,353 करोड़ रुपये के अघोषित क्रेडिट का पता चला है।


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