पांच साल में भारत विश्व के सर्वश्रेष्ठ कंटेंट निर्माता राष्ट्रों में से एक होगा
“है प्रीत
जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं”, फिल्म पूरब और पश्चिम के इस गीत से
साथ केंद्रीय
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को कान्स (Cannes) में विख्यात पलाइस डेस
फेस्टिवल्स के भारतीय फोरम को संबोधित किया। 6 हजार साल
पुरानी संस्कृति और 1.3 अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करते हुए केंद्रीय
मंत्री, विदेशी और भारतीय फिल्म निर्माताओं, पत्रकारों
व प्रतिनिधियों के तौर पर उपस्थित दर्शकों से मुखातिब हुए।
कान्स
के बारे में बताते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले कई वर्षों से ‘Festival
de Cannes’ ने भारत-फ्रांस रिश्तों को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
भारतीय कंटेंट दुनियाभर के दर्शकों के दिलोदिमाग पर छाया हुआ है और यह मील का
पत्थर उस समय रखा गया, जब प्रसिद्ध फिल्म निर्माता चेतन
आनंद की 1946 में बनी फिल्म ‘नीचा नगर’ और 1956 में बनी सत्यजीत रे की ‘पाथेर पांचाली’ को प्रतिष्ठित Palme
d’Or पुरस्कार प्रदान किया गया। आज हमारी सिनेमाई उत्कृष्टता को
मान्यता देते हुए पूरा विश्व भारत को ‘content
hub of the world’ की संज्ञा देने को तैयार है।
कान्स
में भारत की मौजूदा उपस्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि भारत विश्वभर के दर्शकों
को अपने देश की सिनेमाई श्रेष्ठता, तकनीकी
कौशल, समृद्ध संस्कृति और किस्सागोई की समृद्ध विरासत
देने की मंशा रखता है। भारत की महत्वपूर्ण उपस्थिति, सिर्फ
हमारी सिनेमाई श्रेष्ठता, जोकि विभिन्न क्षेत्रों और
भाषाओं की फिल्मों के अभिनेताओं व फिल्म निर्माताओं के रूप में मौजूद नहीं है
बल्कि OTT मंचों के तौर पर भी है, जिसमें संगीतकारों और लोक कलाकारों की भी सशक्त उपस्थिति है, जो युवा और उम्रदराज सभी वर्ग के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
2025 तक 53 अरब अमेरिकी डॉलर सलाना कमाई होगी
केंद्रीय
मंत्री ने दर्शकों को कान्स में मौजूद भारतीय स्टार्ट अप्स (Indian
startups) के बारे में भी बताया और कहा कि मीडिया एवं मनोरंजन
क्षेत्र के startups अपनी तकनीकी दक्षता का
प्रदर्शन करेंगे तथा AVGC विश्व के सर्वश्रेष्ठ उत्पाद के
लिए अपना दावा पेश करेंगे। उनके साथ इस क्षेत्र के एनिमेशन पेशेवरों का एक सशक्त
प्रतिनिधिमंडल भी होगा। साथ ही उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किए गए
विभिन्न उपायों के बारे में बताया और कहा कि जहां केंद्र ने सह-निर्माण, भारत में
फिल्मों की शूटिंग और फिल्म निर्माण संबंधी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पिछले 8
साल में कई बड़ी पहल की हैं वहीं, उत्तर
प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने अपनी खुद की फिल्म संबंधी सुविधाओं की नीतियां
बनाई हैं और सह-निर्माण अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों का
लक्ष्य भारत के मीडिया और मनोरंजन इको-सिस्टम को बढ़ावा देना है। अपेक्षा की जाती
है कि 2025 तक इससे 53 अरब अमेरिकी
डॉलर सालाना की कमाई होगी।
OTT मार्केट 2024 तक 2 अरब डॉलर का होने का अनुमान
ऐसे ही एक उपाय के तहत भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर ऑडियो विजुअल सेवा को 12 ‘चैंपियन्स सर्विस सेक्टर्स’ में से एक घोषित किया है और हाल ही में उद्योग के महत्वपूर्ण लोगों का एक AVGC टास्क फोर्स गठित किया है जो इस क्षेत्र में भारत को सर्वोच्च ऊंचाई तक ले जाने का नीतिगत रोड मेप तैयार करेगा और यह भारत को एक वरीयता प्राप्त ‘पोस्ट प्रोडक्शन हब ऑफ द वर्ल्ड’ की स्थिति तक ले जाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत में एक ओर जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence), आभासी वास्तविकता (virtual reality), मेटावर्स (Metaverse) जैसी इमर्सिव प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह सूचना प्रौद्योगिकी के कुशल कार्यबल के लिए अपार संभावनाएं पेश कर रही है। दूसरी ओर, भारत में ओटीटी मार्केट के 21 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ते हुए 2024 तक 2 अरब डॉलर का हो जाने का अनुमान है।
केंद्रीय
मंत्री ने वादा किया कि सरकार भारत को ‘Global
Content Sub Continent’ का रूप देने के लिए सभी आवश्यक उपाय
करेगी और अपनी युवा शक्ति की कुशलता का इस्तेमाल कर इसे एवीजीसी क्षेत्र की ‘वरीयता प्राप्त पोस्ट प्रोडक्शन हब’ बनाने की
दिशा में काम करेगी। इसके साथ ही सरकार विश्वभर से सह-निर्माण साझेदारी को गति
देगी और फिल्म शूट के लिए भारत में सर्वश्रेष्ठ लोकेशन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव
करेगी। इन कदमों से अगले 5 साल में भारत विश्व के
सर्वश्रेष्ठ गुणवत्तापूर्ण कंटेंट निर्माण करने वाले देशों की लीग में शामिल हो
जाएगा। अनुराग ठाकुर ने अंत में विदेशी फिल्म निर्माताओं को भारत में अपनी फिल्मों
की शूटिंग करने का आमंत्रण देते हुए कहा कि वे भारत की मेहमाननवाजी और यहां के
लुभावने एवं मनोरम प्राकृतिक दृश्यों का आनंद उठाएं।
भारत बैचेन सपनों का देश है - प्रसून जोशी
फिल्म
निर्देशक और निर्माता एवं फिल्म एवं टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चेयरमैन शेखर
कपूर (Shekhar Kapur) ने कम लागत वाले ब्रॉडबैंड और
मोबाइल उपकरणों तक पहुंच के असर के बारे में बताते हुए कहा कि फिल्म उद्योग पर
इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही विश्व में भारतीय
अर्थव्यवस्था का दबदबा कायम होगा और युवा फिल्म निर्माता सिनेमा को जल्दी ही पुनः
परिभाषित करेंगे। वहीं प्रसून जोशी ने शेखर कपूर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते
हुए कहा कि भारत बेचैन सपनों का देश है और बेचैन सपने ही कुछ बड़ा कर दिखाते हैं।
कई भारतीय फिल्मों का असर पूरे विश्व पर पड़ा
भारत
सरकार के सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्र ने लंच बॉक्स, मिस्टर
एंड मिसेज अय्यर और रॉकेट्री जैसी फिल्मों का उल्लेख किया, जो कहानी के तौर पर पूरी तरह भारतीय हैं, लेकिन
जिनका असर विश्वभर के दर्शकों पर पड़ा है। उन्होंने भारत सरकार द्वारा विश्वभर के
फिल्म निर्माताओं के लिए घोषित लाभों को एक बार फिर दोहराया। तो कार्यक्रम में
मौजूद एक्टर आर. माधवन ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व को
बताने के लिए भारत के पास बहुत कुछ है और सिनेमा जगत को इस विचार पर काम करना
चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्यभट्ट से लेकर सुंदर पिचाई तक भारत के पास ऐसी अद्भुत
कहानियां हैं, जो विश्वभर के युवाओं की महत्वाकांक्षाओं
को आवाज दे सकती है।
इस सेशन
का संचालक वाणी त्रिपाठी ने किया। इस मौके पर लेखक, कवि तथा
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी, हॉलीवुड
रिपोर्टर के संपादक स्कॉट रॉक्सबर्ग और निर्माता फिलिप एवरिल शामिल थे।