राष्ट्रपति
ने किया उद्घाटन, कहा-
छात्रों की छिपी प्रतिभा को भी निखार देते हैं संस्थान
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने कहा कि शिक्षण संस्थान केवल अध्ययन के स्थान नहीं हैं, बल्कि ये ऐसे स्थान हैं जो हम में से प्रत्येक की आंतरिक और कभी-कभी छिपी हुई प्रतिभा को निखारते हैं। वे रविवार 8 मई, 2022 को दहेगांव मौजा, एमआईएचए, नागपुर में भारतीय प्रबंधन संस्थान, नागपुर (IIM Nagpur) के स्थायी परिसर के उद्घाटन के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) भी मौजूद थे।
विकसित हो Job Creators बनने की मानसिकता
राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां इनोवेशन और इंटरप्रन्योरशिप को सराहा और प्रोत्साहित किया जाता है। इन दोनों में न केवल टेक्नॉलजी के माध्यम से हमारे जीवन को आसान बनाने की क्षमता है, बल्कि कई लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि IIM, Nagpur का इको-सिस्टम छात्रों में नौकरी तलाशने वाले (Job Seekers) के बजाय नौकरी देने वाला (Job Creators) बनने की मानसिकता को बढ़ावा देगा।राष्ट्रपति ने
इनफेड की स्थापना को सराहा
आईआईएम, नागपुर ने अपने सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप के माध्यम से
आईआईएम नागपुर फाउंडेशन फॉर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (इनफेड) की स्थापना की है।
इस पर खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बहुत गर्व की बात है कि इनफेड ने
महिला उद्यमियों को महिला स्टार्ट-अप पाठ्यक्रम से स्नातक होने में सक्षम बनाया है
और उनमें से छह ने अपने उद्यम भी शुरू किए हैं। इस तरह के पाठ्यक्रम महिला
सशक्तिकरण के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करते हैं।
सैटेलाइट कैंपस
की स्थापना की पहल की
उन्होंने आशा
व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह आईआईएम अहमदाबाद ने आईआईएम, नागपुर को मेंटरशिप प्रदान की है, उसी
तरह हमारे देश के प्रमुख व्यावसायिक स्कूल, चाहे वे तकनीकी,
प्रबंधन या मानविकी से जुड़े हों, समान
संस्थानों की स्थापना के लिए मेंटरशिप प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि ज्ञान के
आदान-प्रदान से ज्ञान का अधिक से अधिक विकास होता है। उन्होंने पुणे, हैदराबाद और सिंगापुर में सैटेलाइट कैंपस की स्थापना की पहल करने के लिए
आईआईएम, नागपुर को बधाई दी।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र
ने कहा कि ज्ञान सशक्तिकरण और लोक कल्याण का माध्यम है। जैसा कि देश अमृत महोत्सव
मना रहा है, आईआईएम नागपुर के छात्रों को लीक से
हटकर सोचने का प्रयास करना चाहिए और जिम्मेदारियों को स्वीकार करने एवं समाज को
उत्साहपूर्वक अधिकाधिक लाभान्वित करने की संस्कृति को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा
कि दुनिया भारत की ओर बड़ी उम्मीद की नजर से देख रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त
करते हुए कहा कि आईआईएम नागपुर भारत को एक ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था बनने की ओर
अग्रसर करेगा जो भारत, उभरती अर्थव्यवस्थाओं और दुनिया को भी
नेतृत्व प्रदान करेगी।
2015 में शुरू हुआ था संस्थान में पहला बैच
भारतीय प्रबंधन संस्थान, नागपुर (IIM Nagpur) ने भारतीय प्रबंधन संस्थान
अहमदाबाद (IIM Ahmedabad) के परामर्श के तहत वर्ष 2015
में अपनी यात्रा शुरू की थी। संस्थान में प्रबंधन में स्नात्कोत्तर
कार्यक्रम (पीजीपी) का पहला बैच 23 जुलाई 2015 को शुरू हुआ।