प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर आजादी के आंदोलन और स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, वीर सावरकर और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों एवं महापुरुषों को याद किया तथा उन्हें नमन किया। मोदी ने सोमवार को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम दिए संबोधन में कहा कि आजादी की जंग में गुलामी का पूरा कालखंड संघर्ष में बीता। हिंदुस्तान का कोई कोना और कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैकड़ों साल तक जंग न लड़ी हो, यातानाएं न झेली हों। आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को नमन करने का अवसर है।
लाल किले से पीएम मोदी के भाषण की मुख्य बातें
- मैं विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों को, भारतीयों को आजादी के इस अमृत महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
- आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो
पिछले 75 साल में देश के लिए जीने मरने वाले, देश की सुरक्षा
करने वाले, देश के संकल्पों को पूरा करने वाले सभी लोगों के योगदान का स्मरण
करने का अवसर है।
- 75 साल की हमारी ये यात्रा अनेक उतार-चढ़ाव से भरी हुई
है। हार नहीं मानी है, संकल्पों
को ओझल नहीं होने दिया है।
- भारत की विविधता ही भारत की अनमोल शक्ति है। दुनिया को पता नहीं था कि भारत के पास एक inherent सामर्थ्य है, एक संस्कार सरिता है, और वो है भारत लोकतंत्र की जननी है, Mother of Democracy है।
- महात्मा गांधी का जो सपना था आखिरी इंसान की चिंता करने का, महात्मा गांधी
जी की जो आकांक्षा थी अंतिम छोर पर बैठे हुए व्यक्ति को समर्थ बनाने की, मैंने अपने आप
को उसके लिए समर्पित किया है।
- अमृतकाल का पहला प्रभात Aspirational Society की आकांक्षा को पूरा करने का सुनहरा अवसर है। हमारे देश के भीतर कितना बड़ा सामर्थ्य है, एक तिरंगे झंडे ने दिखा दिया है।
- हमने पिछले दिनों जिस ताकत का अनुभव किया है और वो है भारत
में सामूहिक चेतना का पुनर्जागरण। आजादी के इतने संघर्ष में जो अमृत था, वो अब संजोया
जा रहा है, संकलित हो रहा है।
- दुनिया कोरोना के काल खंड में वैक्सिन लेना या न लेना, वैक्सिन काम की
है या नहीं है, उस उलझन में जी रही थी। उस समय मेरा गरीब देश ने दो सौ
करोड़ डोज का लक्ष्य हासिल करके दुनिया को चौंका देने वाला काम कर दिखाया
है।
- विश्व भारत की तरफ गर्व से देख रहा है। अपेक्षा से देख रहा है। समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर दुनिया खोजने लगी है। विश्व का यह बदलाव, विश्व की सोच में यह परिवर्तन 75 साल की हमारी अनुभव यात्रा का परिणाम है।
- मुझे लगता है आने वाले 25 साल के लिए हमें पंच प्रण पर अपनी शक्ति केंद्रित करनी होगा। जब मैं पंचप्रण की बात करता हूं तो पहला प्रण है कि अब देश बड़े संकल्प लेकर ही चलेगा। दूसरा प्रण है हमें अपने मन के भीतर, आदतों के भीतर गुलामी का कोई अंश बचने नहीं देना है। तीसरा प्रण, हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। चौथा प्रण है एकता और एकजुटता। और पांचवां प्रण है नागरिकों का कर्तव्य, जिसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता, मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं होता।
- महासंकल्प, मेरा देश विकसित देश होगा, developed country होगा, विकास के हरेक पैरामीटर में हम मानवकेंद्री व्यवस्था को विकसित करेंगे, हमारे केंद्र में मानव होगा, हमारे केंद्र के मानव की आशा-आकांक्षाएं होंगी।
- जिस
प्रकार से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है, जिस मंथन के साथ बनी है, और
भारत की धरती की जमीन से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है, रसकस हमारी धरती के
मिले हैं। हमने जो कौश्लय पर बल दिया है, ये एक ऐसा सामर्थ्य है, जो हमें
गुलामी से मुक्ति की ताकत देगा।
- हमें
हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए। हमें भाषा आती हो या न आती हो,
लेकिन मेरे देश की भाषा है, मेरे पूर्वजों ने दुनिया को दी हुई ये भाषा है,
हमें गर्व होना चाहिए।
- आज
दुनिया holistic health care की चर्चा कर रही है लेकिन
जब holistic health care की चर्चा करती है तो उसकी नजर
भारत के योग पर जाती है, भारत के आयुर्वेद पर जाती है, भारत के holistic
lifestyle पर जाती
है। ये हमारी विरासत है जो हम दुनिया का दे रहे हैं।
- आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जो जूझ रहा है। ग्लोबल
वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है। इसके लिए हमारे पास
वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है।
- हमारे family values, विश्व के सामाजिक तनाव की जब
चर्चा हो रही है। व्यक्तिगत तनाव की चर्चा होती है, तो लोगों को योग दिखता
है। सामूहिक तनाव की बात होती है तब भारत की पारिवारिक व्यवस्था दिखती है।
- हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में
नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में
परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़
में शंकर देखते हैं।
- जन कल्याण से जग कल्याण की राह पर चलने वाले हम लोग जब
दुनिया की कामना करते हैं, तब कहते हैं- सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।
- एक
और महत्वपूर्ण विषय है एकता, एकजुटता। इतने बड़े देश को उसकी विविधता को हमें
सेलिब्रेट करना है, इतने पंथ और परंपराएं यह हमारी आन-बान-शान है। कोई नीचा
नहीं, कोई ऊंचा नहीं है, सब बराबर हैं। कोई मेरा नहीं, कोई पराया नहीं सब
अपने हैं।
- अगर
बेटा-बेटी एकसमान नहीं होंगे तो एकता के मंत्र नहीं गुथ सकते हैं। जेंडर
इक्वैलिटी हमारी एकता में पहली शर्त है।
- जब
हम एकता की बात करते हैं, अगर हमारे यहां एक ही पैरामीटर हो एक ही मानदंड हो,
जिस मानदंड को हम कहे इंडिया फर्स्ट मैं जो कुछ भी कर रहा हूँ, जो भी सोच रहा
हूँ, जो भी बोल रहा हूँ इंडिया फर्स्ट के अनुकुल है।
- क्या
हम स्वभाव से, संस्कार से, रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली
हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं। नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे
करने में बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है। यह सामर्थ्य मैं देख रहा हूँ और
इसलिए मैं इस बात का आग्रही हूँ।
- हमें कर्तव्य पर बल देना ही होगा। चाहे पुलिस हो, या पीपुल हो, शासक हो या
प्रशासक हो, यह नागरिक कर्तव्य से कोई अछूता नहीं हो सकता। हर कोई अगर
नागरिक के कर्तव्यों को निभाएगा तो मुझे विश्वास है कि हम इच्छित लक्ष्य को
प्राप्त करने में समय से पहले सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
- आत्मनिर्भर भारत, यह हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर
ईकाई का यह दायित्व बन जाता है। यह आत्मनिर्भर भारत यह सरकारी एजेंडा, सरकारी
कार्यक्रम नहीं है। यह समाज का जन आंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है।
- आप देखिए पीएलआई स्कीम, एक लाख करोड़ रुपया, दुनिया के लोग हिन्दुस्तान में अपना नसीब आजमाने आ रहे हैं। टेक्नोलॉजी लेकर के आ रहे हैं। रोजगार के नये अवसर बना रहे हैं। भारत मैन्यूफैक्चिरिंग हब बनता जा रहा है।
- देश
के सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं। मेरी आत्मनिर्भर की
बात को संगठित स्वरूप में, साहस के स्वरूप में मेरी सेना के जवानों ने सेना
नायकों ने जिस जिम्मेदारी के साथ कंधे पर उठाया है। मैं उनको जितनी salute
करूं, उतनी कम है!
- हमें
आत्मनिर्भर बनना है, एनर्जी सेक्टर में। सोलर क्षेत्र हो, विंड एनर्जी का
क्षेत्र हो, रिन्यूएबल के और भी जो रास्ते हों, मिशन हाइड्रोजन हो, बायो
फ्यूल की कोशिश हो, electric vehicle पर जाने की बात हो, हमें आत्मनिर्भर
बनकर के इन व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाना होगा।
- मैं
प्राइवेट सेक्टर को भी आह्वान करता हूं आइए... हमें विश्व में छा जाना है।
आत्मनिर्भर भारत का ये भी सपना है कि दुनिया को भी जो आवश्यकताए हैं उसको
पूरा करने में भारत पीछे नहीं रहेगा। हमारे लघू उद्योग हो, सूक्ष्म उद्योग
हो, कुटीर उद्योग हो, ‘जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट’ हमें करके दुनिया में
जाना होगा। हमें स्वदेशी पर गर्व करना होगा।
- हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से
लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले। इसलिए हम स्पेस मिशन
का, Deep Ocean
Mission का विस्तार कर रहे हैं। स्पेस और समंदर की गहराई में ही
हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान है।
- हम बार-बार लाल बहादुर शास्त्री जी को याद करते हैं, जय
जवान-जय किसान का उनका मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है। बाद में अटल
बिहारी वाजपेयी जी ने जब विज्ञान कह करके उसमें एक कड़ी जोड़ दी थी और देश ने
उसको प्राथमिकता दी थी। लेकिन अब अमृतकाल के लिए एक और अनिवार्यता है और वो
है जय अनुसंधान। जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय अनुसंधान-इनोवेशन।
- इनोवेशन
की ताकत देखिए, आज हमारा यूपीआई-भीम, हमारा डिजिटल पेमेंट, फिनटेक की दुनिया
में हमारा स्थान, आज विश्व में रियल टाइम 40 पर्सेंट अगर डिजिटली फाइनेशियल
का ट्रांजेक्शन होता है तो मेरे देश में हो रहा है, हिन्दुस्तान ने ये
करके दिखाया है।
- आज मुझे खुशी है हिन्दुस्तान के चार लाख कॉमन सर्विस
सेंटर्स गांवों में विकसित हो रहे हैं। गांव के नौजवान बेटे-बेटियां कॉमन
सर्विस सेंटर चला रहे हैं।
- ये
जो डिजिटल इंडिया का मूवमेंट है, जो सेमीकंडक्टर की ओर हम कदम बढ़ा रहे हैं,
5G की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, ऑप्टिकल फाइबर का नेटवर्क बिछा रहे हैं, ये सिर्फ
आधुनिकता की पहचान है, ऐसा नहीं है। तीन बड़ी ताकतें इसके अंदर समाहित हैं।
शिक्षा में आमूल-चूल क्रांति- ये डिजिटल माध्यम से आने वाली है। स्वास्थ्य
सेवाओं में आमूल-चूल क्रांति डिजिटल से आने वाली है। किसी जीवन में भी बहुत
बड़ा बदलाव डिजिटल से आने वाला है।
- हमारा अटल इनोवेशन मिशन, हमारे incubation
center, हमारे स्टातर्टअप एक नया, पूरे क्षेत्र का विकास कर रहे हैं, युवा पीढ़ी के
लिए नए अवसर ले करके आ रहे हैं।
- हमारे छोटे किसान-उनका सामर्थ्य, हमारे छोटे
उद्यमी-उनका सामर्थ्य, हमारे लघु उद्योग, कुटीर उद्योग, सूक्ष्मम
उद्योग, रेहड़ी-पटरी वाले लोग, घरों में काम करने वाले लोग, ऑटो रिक्शा
चलाने वाले लोग, बस सेवाएं देने वाले लोग, ये समाज का जो सबसे बड़ा तबका है, इसका
सामर्थ्यवान होना भारत के सामर्थ्य की गारंटी है।
- नारी
शक्ति : हम
जीवन के हर क्षेत्र में देखें, खेल-कूद
का मैदान देखें या युद्ध की भूमि देखें, भारत की नारी शक्ति एक नए
सामर्थ्य, नए विश्वास के साथ आगे आ रही है।
उनका भारत की 75 साल की यात्रा में जो योगदान रहा है, उसमें मैं अब कई गुना
योगदान आने वाले 25 साल में नारीशक्ति का देख रहा हूं।
- भारत
के संविधान के निर्माताओं का भी धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने जो
हमें federal
structure दिया
है। आज समय की मांग है कि हमें cooperative federalism के साथ-साथ
cooperative competitive federalism की जरूरत है, हमें विकास की स्पर्धा की
जरूरत है।
- देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां : पहली चुनौती -
भ्रष्टाचार दूसरी चुनौती -
भाई-भतीजावाद, परिवारवाद।
- भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उससे देश को
लड़ना ही होगा। हमारी कोशिश है
कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटाना भी पड़े, हम इसकी कोशिश
कर रहे हैं।
- जब मैं भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करता हूं, तो लोगों को
लगता है कि मैं सिर्फ राजनीति की बात कर रहा हूं। जी नहीं, दुर्भाग्य से
राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिंदुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को
पोषित कर दिया है।
- मेरे देश के नौजवानों मैं आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए, आपके सपनों के
लिए मैं भाई-भतीजावाद के खिलाफ लड़ाई में आपका साथ चाहता हूं।
- इस
अमृतकाल में, हमें आने वाले 25 साल में, एक पल भी भूलना नहीं है। एक-एक दिन,
समय का प्रत्येक क्षण, जीवन का प्रत्येक कण, मातृभूमि के लिए जीना और तभी
आजादी के दीवानों को हमारी सच्ची श्रंद्धाजलि होगी।
- आजादी
का अमृत महोत्सव, अब अमृतकाल की दिशा में पलट चुका है, आगे बढ़
चुका है, तब इस अमृतकाल में सबका प्रयास अनिवार्य है। टीम इंडिया की
भावना ही देश को आगे बढ़ाने वाली है। 130 करोड़ देशवासियों की ये
टीम इंडिया एक टीम के रूप में आगे बढ़कर के सारे सपनों को साकार करेगी।
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