पिछले कुछ समय से ऐसे मामले सुनने और देखने को मिल रहे हैं जब एक्सरसाइज के दौरान या उसके बाद व्यक्ति को हार्ट अटैक (heart attack) आया हो। ताजा मामले में एक्सरसाइज के दौरान हार्ट अटैक आने से कॉमिडियन राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है। क्या हैं इसकी वजह और क्या कहते हैं एक्सपर्ट, आइए जानते हैं।
आज कल जिम जाना एक ट्रेंड बनता जा रहा है। खुद को फिट रखना अच्छी बात है, लेकिन शरीर को कष्ट देकर इसे स्वस्थ नहीं रखा जा सकता है। जिम जाने वाले लोग अपनी फिजिकल स्ट्रेंथ (physical strength) को बढ़ाने के लिए कई बार जरूरत से ज्यादा वर्क आउट (workout) कर लेते हैं। यहीं पर मामला खतरनाक साबित हो जाता है और यह आपके दिल के लिए नुकसानदायक साबित होता है। हार्ट एक्सपर्ट (heart expert) की मानें तो जिम में इंटेंस वर्क आउट करने और हैवी वेट उठाने के लिए ज्यादा वर्क आउट करना नुकसानदेय हो सकता है।
पहली बार जिम करने वाले रहें सचेत
कई बार देखने में आया है कि अनफिट लोग भी जिम में पसीना बहाने पहुंच जाते हैं। एक्सपर्ट की माने तो जिम में एक्ससाइज की शुरुआत बेहद ही मामूली वर्क आउट से होनी चाहिए, लेकिन जल्दी वजन बढ़ाने और फिजिकली फिट दिखने की चाहत लोगों को हार्ड एक्सरसाइज की ओर ले जाती है। ऐसे में लोग अपनी स्टेमिना से ज्यादा एक्सरसाइज (exercise) कर लेते हैं, जो उनकी सेहत के लिहाज से ठीक नहीं होता है। रोजाना ही किया गया ऐसा वर्क आउट धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है और एक समय आता है कि चीजे ज्यादा बिगड़ जाती हैं।
शरीर के बदलावों को न करें नजरअंदाज
एक्सपर्ट बताते हैं कि कई गंभीर बीमारियों से पहले इनके संकेत शरीर में मिलने शुरू हो जाते हैं। इस दौरान शरीर में हो रहे बदलावों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। खासतौर से उन लोगों को जो रेगुलर जिम में वर्क आउट करते हैं। इस दौरान शरीर में हो रहे बदलावों पर डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चहिए ताकि समय रहते हमें वर्क आउट को लेकर सही जानकरी मिल सके और होने वाली गंभीर बीमारी का इलाज हो सके। गौरतलब है कि बीते दिनों अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला (sidharth shukla) को भी डॉक्टर ने ज्यादा वर्क आउट करने से मना किया था। इसके बाद भी वे रोजाना 3 से 4 घंटे वर्क आउट करते थे।
दिल के मरीज हैं तो जरूर लें डॉक्टरी सलाह
कार्डियोलॉजिस्ट कहते हैं कि जिन लोगों को दिल की किसी भी तरह की बीमारी या दिक्कत है, उन्हें जिम में वर्क आउट करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि दिल की अलग-अलग दिक्कतों के लिए एक्ससाइज भी कई तरह की होती हैं। एक्सरसाइज के अच्छे और बुरे दोनों तरह के इफेक्ट पड़ सकते हैं। बिना सलाह के वर्क आउट करने पर पीड़ित व्यक्ति को ये नहीं मालूम होता कि उसे कितनी देर और कौन सी एक्ससाइज करनी है। ऐसे में दिल पर बेवजह का दबाव पड़ता है, जो उस व्यक्ति के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है।
क्या हैं हार्ट अटैक की प्रमुख वजहें
अगर हम उम्र की बात करें तो पुरुष के लिए 45 वर्ष से ज्यादा और महिलाओं के लिए 55 वर्ष से अधिक उम्र होने पर दिल का दौरा पड़ने की आशंका ज्यादा रहती है, लेकिन मौजूदा समय में इसके लिए उम्र कोई मायने नहीं रख रही है। दरअसल इसकी सबसे बड़ी वजह हमारी खराब जीवन शैली है। आज हमारे खाना खाने को कोई तय समय नहीं है। ऊपर से जंक फूड (junk food), अधिक मसालेदार भोजन को हार्ट अटैक का कारण बनते देर नहीं लगती। इसके अलावा मानसिक तनाव भी आज के समय में इसके लिए प्रमुख कारण हो सकता है या होता है। जिंदगी में मानसिक तनाव सभी को होता है, लेकिन जो इसे झेल नहीं पाते उनके लिए यह बीमारी का रूप ले लेता है। इन प्रमुख वजहों के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, नशा करने से भी हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है।
इन सामान्य लक्षणों से पहचाने अटैक
हर व्यक्ति में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों में काफ़ी तेज़ दर्द होता है तो वहीं कुछ में दर्द कम होता है। यह भी देखा गया है कि पहले किसी व्यक्ति के बाएं हाथ में दर्द शुरू हो जाता है। तो कुछ में बिना किसी चेतावनी के अटैक आ जाता है। फिर भी इसके कुछ कारण होते हैं जिन्हें जानना बेहद ज़रूरी है।
- कोल्ड स्वैट (शरीर से पसीना आता है लेकिन ठंड भी लगती है।)
- थकान महसूस होती है
- सांस लेने में परेशानी होती है
- शरीर का भार कम महसूस होता है
- चक्कर आते हैं
- बाएं हाथ में दर्द होता है
- उल्टी महसूस होती है
- अपच की समस्या भी हो सकती है
- सीने में जलन होती है
इससे बचने के लिए किन बातों का रखें ख्याल
- शरीर में दिख रहे किसी भी तरह बदलावों को अनदेखा न करें।
- यदि आपके शरीर में किसी भी जगह पर कोई दर्द या सूजन हो तो ऐसे में तुरंत इसका उपचार करवाएं। सीने में दर्द या जलन तथा बाएं हाथ में लगातार दर्द होने पर डॉक्टर के पास जाएं।
- खाने में हेल्दी चीज़ों को शामिल करें। बैलेंस डाइट रखें। ज्यादा कैलोरी वाला खाना न खाएं। रोजाना मौसमी फल और जूस भी लेते रहें।
- नकारात्मक विचारों को खुद से दूर रखें। यदि आपको किसी प्रकार का डिप्रेशन या तनाव है तो उससे छुटकारा पाने की कोशिश करें।
- किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सिर्फ़ डॉक्टर की सलाह लें। इधर-उधर से जानकारी को खुद पर न अपनाएं, यह आपको नुकसान पहुंचा सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।