सबसे पहले एक सवाल,
आप आखिरी बार कब खुलकर हंसे थे ?
....सोच में पड़ गए न। आप के साथ मैं भी ये सोचने लगा कि कब खुलकर हंसा था ?
क्या आपको जवाब मिला या याद आया ?
ज्यादातर लोगों को नहीं याद आएगा, मुझे भी नहीं आया। यह चिंता की बात है। दरअसल, जिम्मेदारियों से घिरे हम लोगों को अब हंसने का वक्त ही नहीं मिलता है। हां कभी-कभी जबरदस्ती मुस्कुरा जरूर लेते हैं…वो भी एक-दो सेकंड के लिए। दोस्तों हंसना बहुंत जरूरी है, वो भी खुलकर हंसना।
संघर्ष और चुनौतियों से भरी जिंदगी में एक हंसी ही है, जो एक यूनिवर्सल भाषा है। इसकी कोई सीमा नहीं है, एक ऐसी भाषा है जो देश-विदेश की अलग-अलग संस्कृतियों के लोगों को एकजुट कर सकती है। हर साल, मई के पहले संडे को World Laughter Day मनाया जाता है और इस बार यह 5 मई यानी आज है। तो चलिए थोड़ा खुलकर हंस लेते हैं…।
अब सबसे बड़ी मशक्कत की बात यह है कि आज के समय में जब बड़ी मुश्किल से चेहरे पर मुस्कुराहट आती है तो खुलकर हंसा कैसे जाए। क्या कर सकते हैं कि हंसी आए। इसके लिए कोई ऐसी मूवी देखी जा सकती है, जिसे देखकर आप पहली बार में जमकर हंंसे थे और हंसते हंसते आपकी आंखों में आंसू तक आ गए थे या फिर कोई ऐसा वाक्या हुआ हो, जिसके होने पर आप अपनी हंसी रोक नहीं सके थे। उन लम्हों को फिर से रीकॉल कीजिए…भले ही उस दिन जैसी हंसी नहीं आएगी पर एक नेचुरल मुस्कुराहट तो चेहरे पर आ ही जाएगी।
कैसे हुई इस दिन की शुरुआत
World Laughter Day सबसे पहले हंसी योग आंदोलन के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया द्वारा प्रस्तावित किया गया था। भारत के डॉ. कटारिया ने हंसी के फायदे और मेंटल डिवेलपमेंट को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता को पहचाना। 1998 में, उन्होंने मुंबई में पहला World Laughter Day आयोजित किया।
The Power of Laughter
हंसी को अक्सर सबसे अच्छी दवा के रूप में बताया जाता है और इसके अच्छे कारण भी हैं। साइंटिफिक रिसर्च से पता चला है कि हंसी शरीर के प्राकृतिक फील-गुड केमिकल Endorphin hormone के स्राव को ट्रिगर करती है, जिससे आपका मन खुश और स्वस्थ रहता है। यहां तक कि कुछ देर के लिए यह दर्द से भी राहत दिला सकता है। इसलिए इसे Happy hormone भी कहा जाता है। इसके अलावा, हंसी शरीर में cortisol और adrenal जैसे तनाव वाले हार्मोन के स्तर को कम करती है, जिससे आराम मिलता है।
सोशल दूरी को मिटाती है हंसी
साइंस से बाहर निकले तो हंसी सामाजिक बंधनों को भी मजबूत करती है और लोगों के बीच जुड़ाव की भावना को बढ़ावा देती है। यह भाषा की बाधाओं, सांस्कृतिक मतभेदों और एज ग्रुप से आगे बढ़कर कम्यूनिकेशन और रिलेशन बनाने के लिए एक शक्तिशाली मैकेनिज्म के रूप में काम करती है। चाहे वह दोस्तों के साथ कोई चुटकुला शेयर करना हो, कॉमेडी शो का आनंद लेना हो, या हंसी योग सत्र में भाग लेना हो, हंसी लोगों को एक साथ लाती है और आनंद और खुशी के क्षण पैदा करती है।
जब वक्त साथ न दे, तब हंसी साथ देती है
बुरे वक्त में हंसी ही एक ऐसी साथी है जिसके बल पर आप कठिन परिस्थितियों से निपट सकते हैं। पिछले कुछ सालों में वैश्विक स्तर पर कोविड-19 महामारी से लेकर राजनीतिक अशांति और प्राकृतिक आपदाओं तक कई चुनौतियां सामने आई हैं। ऐसे समय में, लचीलेपन और आशा के स्रोत के रूप में हंसी के महत्व को कम करके आंका नहीं जा सकता है।
तो आइए हम यह स्वीकार करने के लिए रुकें कि हंसी का हमारे जीवन और हमारे आस-पास के लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अक्सर चुनौतियों से भरी दुनिया में, हंसी आशा की किरण के रूप में काम करती है। हमें विपरीत परिस्थितियों के बीच खुशी खोजने और हंसी और सौहार्द के उन क्षणों को संजोने की याद दिलाती है जो हमारे जीवन को समृद्ध बनाते हैं। तो, दिल खोलकर हंसें, गहराई से जुड़ें और आज और हर दिन जीवन के इस खास गिफ्ट को अकेले में, दोस्तों के साथ खोलें और कुछ देर के लिए सभी चिंताओं और चुनौतियों से मुक्त हो जाएं।
हिंदी फिल्म ज़मीर के इस गाने ‘जिंदगी हंसने गाने के लिए है पल दो पल’ के साथ आप सभी को
Happy World Laughter Day …..