सावधान ! जानलेवा न बन जाएं नकली डेयरी प्रोडक्ट, ऐसे करें असली की पहचान

त्योहारों का मौसम न सिर्फ खुशियों और उमंगों से भरा होता है, बल्कि ये स्वादिष्ट मिठाइयों और पकवानों का भी खास समय होता है। विशेष रूप से दूध और डेयरी उत्पादों से बनी मिठाइयों की मांग इस समय बढ़ जाती है। लेकिन जहां एक ओर इनका आनंद लिया जाता है, वहीं दूसरी ओर बाजार में नकली और मिलावटी डेयरी उत्पादों का खतरा भी बढ़ जाता है। असली और शुद्ध दूध, मावा, पनीर और घी की जगह नकली उत्पादों का इस्तेमाल न केवल स्वाद बिगाड़ सकता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको त्योहारों के दौरान असली और नकली डेयरी उत्पादों की पहचान करने के आसान तरीके बताएंगे, ताकि आप अपनी सेहत और खुशियों दोनों का ख्याल रख सकें।

Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) ने असली और नकली डेयरी उत्पादों की पहचान करने और उनकी गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए कुछ सामान्य तरीके और गाइडलाइंस दी हैं। इन घरेलू तरीकों की मदद से मावा, पनीर, दूध, दही जैसे उत्पादों की शुद्धता की जांच की जा सकती है:

1. मावा (खोया) की जांच:

  • आइोडीन टेस्ट: मावा में मिलावट की पहचान करने के लिए, थोड़ा सा मावा लेकर उसमें आयोडीन की कुछ बूंदें डालें। यदि मावा में स्टार्च की मिलावट होगी, तो उसका रंग नीला हो जाएगा।
  • हाथ से पहचान: असली मावा को हाथों में मलने पर चिकनाहट महसूस होती है, जबकि मिलावटी मावा आसानी से टूट सकता है और उसमें दरदरा पन होता है।

2. पनीर की जांच:

  • टेक्सचर टेस्ट: असली पनीर मुलायम और स्पंजी होता है, जबकि मिलावटी पनीर ज्यादा सख्त हो सकता है। असली पनीर को हाथ से दबाने पर पानी छोड़ता है, जबकि मिलावटी पनीर नहीं।
  • आइोडीन टेस्ट: पनीर के टुकड़े में आयोडीन की बूंदें डालें। अगर पनीर में स्टार्च मिलाया गया है, तो इसका रंग नीला हो जाएगा।

3. दूध की जांच:

  • पानी की मिलावट: दूध में पानी की मिलावट की जांच के लिए एक कांच की सतह पर दूध की एक बूंद डालें। यदि दूध शुद्ध है, तो यह बूंद धीरे-धीरे नीचे की ओर बहती है और सफेद निशान छोड़ती है। अगर दूध में पानी मिलाया गया है, तो यह बिना निशान के तुरंत नीचे चला जाएगा।
  • साबुन की मिलावट: दूध को हिला कर देखें। अगर उसमें झाग बहुत ज्यादा बनते हैं, तो उसमें डिटर्जेंट या साबुन की मिलावट हो सकती है।

4. दही की जांच:

  • खट्टापन: असली दही में हल्का खट्टापन होता है, जबकि मिलावटी दही का स्वाद अधिक खट्टा और कड़वा हो सकता है।
  • टेक्सचर: दही का टेक्सचर क्रीमी और मुलायम होता है। मिलावटी दही में एक प्रकार का दानेदार पन हो सकता है।

कैसे करें शुद्ध घी की जांच

(FSSAI) ने देसी घी की शुद्धता की जांच करने के लिए कुछ घरेलू तरीके सुझाए हैं, जिनसे असली और नकली घी की पहचान की जा सकती है। यहां कुछ आसान तरीकों का उल्लेख किया गया है:

1.पेट्री डिस (Petri Dish) टेस्ट:

  • एक छोटी सी पेट्री डिस में देसी घी का एक चम्मच लें और उसे पिघलाएं। फिर उसे कुछ समय के लिए ठंडा होने दें।
  • अगर घी एक समान ठोस रूप में जमता है, तो वह शुद्ध है। अगर उसमें कुछ दानेदार पन या तेल की परतें बनती हैं, तो घी में मिलावट हो सकती है।

2. हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl) और चीनी टेस्ट:

  • एक चम्मच घी में एक चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एक चुटकी चीनी मिलाएं।
  • इसे अच्छे से हिलाएं और पांच मिनट तक छोड़ दें।
  • अगर नीचे लाल रंग की परत बनती है, तो इसका मतलब है कि घी में वनस्पति तेल या वसा मिलाया गया है, जो मिलावटी घी की निशानी हो सकती है।

3. पिघलाने का टेस्ट (Melting Test):

  • थोड़ा सा घी लेकर उसे गर्म करें। असली घी में एक अलग प्रकार की सुगंध आती है, और वह हल्का सुनहरा हो जाता है।
  • नकली घी या वनस्पति घी में पिघलने पर यह सुगंध नहीं आती और इसका रंग भी अलग हो सकता है।

4. पानी में घोलकर जांच (Water Test):

  • एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच घी डालें और उसे अच्छे से घोलें।
  • शुद्ध घी पानी में पूरी तरह से घुल जाता है और ऊपर एक परत नहीं छोड़ता। मिलावटी घी पानी में ठीक से घुलता नहीं है और एक तेल की परत या छोटे टुकड़े ऊपर आ सकते हैं।

5. उंगली से घी की जांच (Finger Test):

  • थोड़ा सा घी अपनी उंगली पर रगड़ें। असली घी आसानी से पिघल जाएगा और हल्की चिकनाहट महसूस होगी। नकली घी या मिलावटी घी रगड़ने पर सख्त महसूस हो सकता है और जल्दी पिघलेगा नहीं।

6. आइडीन टेस्ट (Iodine Test):

  • घी में स्टार्च की मिलावट की पहचान के लिए आइडीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक चम्मच घी में आयोडीन की कुछ बूंदें डालें।
  • अगर रंग नीला हो जाता है, तो घी में स्टार्च की मिलावट है।

FSSAI के अनुसार, शुद्ध घी के उत्पादन और बिक्री के लिए जरूरी है कि निर्माता उच्च गुणवत्ता वाले मानकों का पालन करें, ताकि मिलावट से बचा जा सके और उपभोक्ताओं को सुरक्षित और पोषक उत्पाद मिल सके।

FSSAI की डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए जारी की गई गाइडलाइंस:

FSSAI ने डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कड़े मानक और गाइडलाइंस जारी किए हैं। इनमें प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:

डेयरी प्रोडक्ट्स की शुद्धता: दूध और डेयरी उत्पादों में किसी भी प्रकार की हानिकारक मिलावट न हो, इसके लिए हर उत्पाद का नियमित परीक्षण किया जाना आवश्यक है।

पैकेजिंग और लेबलिंग: सभी डेयरी उत्पादों की पैकेजिंग पर सही जानकारी दी जानी चाहिए, जिसमें उत्पाद की तिथि, एक्सपायरी डेट, सामग्री और किसी भी मिलावट का जिक्र हो।

टेम्परेचर कंट्रोल: डेयरी प्रोडक्ट्स को सही तापमान पर संग्रहित और वितरित किया जाना चाहिए ताकि उनकी गुणवत्ता और पोषण तत्व बने रहें।

हाइजीन और स्वच्छता मानक: डेयरी प्रोडक्ट्स के उत्पादन के दौरान स्वच्छता का पालन करना अत्यावश्यक है। हर प्रक्रिया को सही तरीके से सैनिटाइजेशन और साफ-सफाई के साथ पूरा करना जरूरी है।

एफएसएसएआई लाइसेंसिंग: सभी डेयरी प्रोडक्ट्स बनाने और बेचने वाले संस्थानों के लिए FSSAI से लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि वे फूड सेफ्टी के मानकों का पालन कर रहे हैं।

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