प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने रेलवे मंत्रालय की दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 6,798 करोड़ रुपये है। ये दोनों परियोजनाएं बिहार और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाली हैं और इनसे दोनों राज्यों को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है।
यह परियोजनाएं प्रधानमंत्री के “नए भारत” के विज़न के अनुरूप हैं, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाना है। यह परियोजनाएं "पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान" के तहत आती हैं, जो बहु-आयामी कनेक्टिविटी के लिए एकीकृत योजना को सक्षम बनाती है और लोगों, सामानों और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही प्रदान करेगी।
इन दो परियोजनाओं में शामिल हैं:
मालगाड़ियों की आवाजाही भी होगी आसान : नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड का दोहरीकरण: यह 256 किलोमीटर लंबा खंड बिहार में है और यह नेपाल, उत्तर-पूर्व भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। इस परियोजना से यात्री ट्रेनों के साथ-साथ मालगाड़ियों की आवाजाही आसान होगी, जिससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
168 गांवों की करीब 12 लाख की आबादी को फायदा : एरुपलेम और नामबुरू के बीच अमरावती होते हुए नई लाइन का निर्माण: यह 57 किलोमीटर लंबी लाइन आंध्र प्रदेश में है और यह एनटीआर विजयवाड़ा और गुंटूर जिलों और तेलंगाना के खम्मम जिले से होकर गुजरेगी। इस परियोजना से लगभग 168 गांवों और लगभग 12 लाख आबादी को जोड़ा जाएगा। इस परियोजना में 9 नए स्टेशन भी शामिल हैं।
3 राज्यों जुड़ेंगी ये परियोजनाएं : आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के 8 जिलों को कवर करती हैं और भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 313 किलोमीटर की वृद्धि करेंगी।
बिहार के सीएम नीतीश ने जताया आभार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को मिली इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। नीतीश कुमार ने एक्स किए अपने पोस्ट में लिखा कि 22 सितंबर 2024 को पत्र के माध्यसम से मैंने प्रधानमंत्री से मां सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी (पुनौरा धाम) के लिए रेल संपर्क के संबंध में अनुरोध किया था। गुरुवार को अयोध्या से सीतामढ़ी तक लगभग 256 किलोमीटर की रेल लाइन के दोहरीकरण का फैसला केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया है।
दिनांक 22.09.2024 को पत्र के माध्यम से मैंने आदरणीय प्रधानमंत्री जी से मॉ सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी (पुनौरा धाम) हेतु रेल सम्पर्कता के संबंध में अनुरोध किया था। आज अयोध्या से मॉ सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी तक 4,553 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 256 किलोमीटर की रेल लाइन के दोहरीकरण…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 24, 2024
इन परियोजनाओं के फायदे:
रोज़गार के अवसर: इन परियोजनाओं से लगभग 106 लाख मानव-दिनों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा।
आर्थिक विकास: ये परियोजनाएं कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट आदि जैसे विभिन्न वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं।
माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि: क्षमता वृद्धि के कार्यों से 31 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई का संचालन होगा।
पर्यावरण संरक्षण: रेलवे एक पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद करेगा।
अमरावती की कनेक्टिविटी: नई लाइन अमरावती, आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे उद्योगों और जनसंख्या की गतिशीलता में सुधार होगा।
ऑपरेशन में सुधार: मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट से संचालन में आसानी होगी और भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों में आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास होगा।
कनेक्टिविटी, सुविधा और विकास का मिशन
ये परियोजनाएं देश के दूर-दराज के क्षेत्रों को जोड़कर लॉजिस्टिक क्षमता में सुधार लाएंगी, मौजूदा लाइन की क्षमता बढ़ाएंगी और ट्रांसपोर्ट के नेटवर्क को मजबूत करेंगी। इससे आर्थिक विकास में तेजी आएगी। साथ ही तेल के इंपोर्ट और कार्बन उत्सर्जन को कम करना भी इसका उद्देश्य है। वहीं इन प्रोजेक्ट्स से क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।