PM Vidyalaxmi scheme : नहीं रुकेगी आपके बच्चे की पढ़ाई, मिलेगा 10 लाख तक लोन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि आर्थिक बाधाएँ उनकी उच्च शिक्षा की राह में रुकावट न बनें। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस योजना की सराहना की और इसे 21वीं सदी के उच्च शिक्षा के सार्वभौमीकरण की दिशा में एक ठोस कदम बताया।

योजना की मुख्य विशेषताएं

बजट और लाभार्थी: प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के लिए 3,600 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इससे देश के 22 लाख से अधिक छात्र हर साल लाभान्वित होंगे।

बिना गारंटी के शिक्षा ऋण: योजना के तहत छात्रों को बिना गारंटी और बिना जमानत के शिक्षा ऋण मिलेगा, जिससे अधिक से अधिक मेधावी छात्र अपनी उच्च शिक्षा को पूरा कर सकेंगे।

आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए विशेष प्रावधान:

जिन छात्रों के परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये तक है, उन्हें 10 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण पर 3% ब्याज सब्सिडी दी जाएगी।7.5 लाख रुपये तक के ऋण पर 75% क्रेडिट गारंटी दी जाएगी।

डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया: शिक्षा ऋण को एक पारदर्शी और छात्र-अनुकूल डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से सभी बैंकों में सुविधा दी जाएगी।

राष्ट्रीय संस्थानों में प्रवेश: इस योजना का लाभ उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जिन्होंने देश के शीर्ष 860 उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) में प्रवेश प्राप्त किया है, जो NIRF (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) के अनुसार चयनित हैं।

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का हिस्सा

"धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना NEP 2020 की एक महत्वपूर्ण सिफारिश को लागू करती है, जिसका उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के मेधावी छात्रों को सशक्त बनाना है। प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना निश्चित रूप से छात्रों के लिए उच्च शिक्षा को सुलभ और उपलब्ध कराने का एक अहम कदम है।"

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