देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कुछ मामले सामने आने के बाद, केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। हालांकि, सरकार का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की कोई बात नहीं है।
क्या है HMPV?
HMPV एक सामान्य वायरस है जो 2001 से पूरी दुनिया में मौजूद है। यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और इसके लक्षण इन्फ्लूएंजा (फ्लू) जैसे ही होते हैं, जैसे कि खांसी, जुकाम, बुखार और सांस लेने में तकलीफ।
सरकार की तैयारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने HMPV के मामलों की निगरानी और नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी दी।
1. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (PHEOC) को सक्रिय कर दिया गया है, जो HMPV की स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है।
2. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्क रहने और अस्पतालों में भर्ती गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के मामलों के श्वसन नमूनों को वायरस अनुसंधान और निदान प्रयोगशालाओं (VRDL) में परीक्षण के लिए भेजने की सलाह दी गई है।
3. इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के लिए एक मजबूत निगरानी प्रणाली पहले से ही भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) नेटवर्क के माध्यम से भारत में मौजूद है।
4. राज्यों को सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) बढ़ाने और वायरस के प्रसार को रोकने के बारे में जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी गई है। इसके लिए हाथ धोना, आंख, नाक और मुंह को छूने से बचना, बीमार लोगों से दूरी बनाए रखना और खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढंकना जैसे उपाय बताए गए हैं।
स्थिति नियंत्रण में
सरकार का कहना है कि देश में HMPV की स्थिति नियंत्रण में है। 6 जनवरी 2025 से 29 जनवरी 2025 तक, भारत में 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल 59 मामले दर्ज किए गए हैं। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में कहीं भी इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) या गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के प्रहरी निगरानी डेटा ने भी इसकी पुष्टि की है।
नागरिकों के लिए सलाह
हालांकि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। यदि आपको खांसी, जुकाम, बुखार या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा, नियमित रूप से हाथ धोएं, आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें, बीमार लोगों से दूरी बनाए रखें और खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढंकें।